ईद और दिवाली
Friday, December 23, 2011
आसारो जलाली की हशमत
औसाफ़े जमाली की रौनक
दिल दिल में ख़ुशी, घर घर जगमग,
रुख रुख पे बहाली की रौनक
अल्लाह करे इंसा के एवज़
त्योहार गले से लग जाएँ
हिन्दू को निशाते ईद मिले,
मुस्लिम को दिवाली की रौनक
ये रंग बिरंगे लाल ओ गुल,
हर डाली डाली की रौनक
गुंचों में दमक फूलों में महक,
हरसूं हरियाली की रौनक
अल्लाह करे गुलशन के एवज़
यह फूल दिलों में खिल जाएँ
हिन्दू को निशाते ईद मिले,
मुस्लिम को दिवाली की रौनक
बिजली की सतरंगी झालर से
मंज़िले आली की रौनक
साफ़िल के अदना से आँगन में
चिरागे सिफ़ाली की रौनक
अल्लाह करे सहनो के एवज़
सीनों में चरागाँ हो जाएँ
हिन्दू को निशाते ईद मिले,
मुस्लिम को दिवाली की रौनक